भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीएनरे ने कहा है कि पत्रकारिता शिक्षण संस्थानों के नियमन के लिए नियंत्रक संस्थान बनाया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर पत्रकारिता को चिकित्सा प्रबंधन, इंजीनियरिंग और अन्य व्यवसायिक विषयों के स्तर तक पहुंचाना है तो उन व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों के नियमन के लिए बनाए गए संस्थान की तरह ही पत्रकारिता शिक्षा के नियमन के लिए अलग से मीडिया परिषद बनाये जाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि के सहयोग से पहल की है ताकि एक कोर समूह बनाया जा सके।दिल्ली यूनियन आफ जर्नलिस्ट, दिल्ली मीडिया सेंटर फार रिसर्च एंड पब्लिकेशंस तथा केंद्रीय हिंदी निदेशालय के तत्वावधान में आयोजित एक कार्यक्रम में न्यायमूर्ति बीएनरे ने इस बात का जिक्र भी किया कि मीडिया के सभी पक्षों के लिए पूरी तरह से स्वायतशासी मीडिया परिषद बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पत्रकारिता काफी चूनौतीपूर्ण है, इसके लिए पत्रकारों को तकनीकी जानकारी, गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण और भाषा पर सशक्त पकड होना आवश्यक है।
अशब्द ब्लाग से साभार
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aaj kal ki tej duniya me media bhi utni hi teji se per fela rahi hai ..jitni tej ek train station tak pahuch jati hai..namshkaar
ReplyDeleteमेरी सांसों में यही दहशत समाई रहती है
ReplyDeleteमज़हब से कौमें बँटी तो वतन का क्या होगा।
यूँ ही खिंचती रही दीवार ग़र दरम्यान दिल के
तो सोचो हश्र क्या कल घर के आँगन का होगा।
जिस जगह की बुनियाद बशर की लाश पर ठहरे
वो कुछ भी हो लेकिन ख़ुदा का घर नहीं होगा।
मज़हब के नाम पर कौ़में बनाने वालों सुन लो तुम
काम कोई दूसरा इससे ज़हाँ में बदतर नहीं होगा।
मज़हब के नाम पर दंगे, सियासत के हुक्म पे फितन
यूँ ही चलते रहे तो सोचो, ज़रा अमन का क्या होगा।
अहले-वतन शोलों के हाथों दामन न अपना दो
दामन रेशमी है "दीपक" फिर दामन का क्या होगा।
@कवि दीपक शर्मा
http://www.kavideepaksharma.co.in (http://www.kavideepaksharma.co.in/)
इस सन्देश को भारत के जन मानस तक पहुँचाने मे सहयोग दे.ताकि इस स्वस्थ समाज की नींव रखी जा सके और आवाम चुनाव मे सोच कर मतदान करे.
हिंदी ब्लॉग पर आपका स्वागत है... आपका प्रभावी लेखन है...
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